मौजूदा सीजन में अधिक बुआई की खबरों से सोयाबीन वायदा (अगस्त) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 3,280-3,250 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
दो प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में सोयाबीन की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है और शुरुआती अनुमानों से पता चलता है कि मौजूदा खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुआई पिछले वर्ष के 10.5 मिलियन हेक्टेयर की तुलना में 5% अधिक क्षेत्र में होने की संभावना है। आगामी दिनों में महाराष्ट्र में कपास और मध्य प्रदेश में दालों की तुलना में सोयाबीन की बुआई में बढ़ोतरी हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोयामील की माँग काफी कम है, क्योंकि रॉटरडम में सोयामील की कीमत 383 डॉलर टन है, जबकि भारतीय सोयामील की कीमत 457 डॉलर प्रति टन है, जो अर्जेटिना के सोयामील की तुलना में 70 डॉलर प्रति टन अध्कि है।
सरसों वायदा (अगस्त) की कीमतों को 4,130 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है और उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली हो सकती है। हाजिर बाजारों में स्टॉकिस्ट, कारोबारी और किसान अपना स्टॉक छोड़ रहे है और पहले कम कीमतों पर खरीदे गये सरसों पर मुनाफा वसूली कर रहे है। इसके अतिरिक्त जुलाई में पेराई के लिए सरसों की मांग कम होने से सरसों की माँग अधिक नही है।
सीपीओ वायदा (अगस्त) की कीमतों में नरमी का रुझान 600-595 रुपये तक जारी रहने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, व्यापार को लेकर बढ़ते तनाव के बीच प्रमुख आयातक देशों की ओर से माँग में कमी के कारण पॉम ऑयल कीमतें तीन वर्षों के निचले स्तर पर पहुँच गयी हैं। इसके अतिरिक्त जुलाई में मलेशिया में पॉम ऑयल का उत्पादन में पिछले महीने की तुलना में लगभग 10% की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
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