2017-18 में रिकॉर्ड चावल उत्पादन की संभावना, अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी रहेंगी कीमतें - इंडिया रेटिंग्स

इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च (India Ratings and Research) के अनुसार भारत में कुल चावल उत्पादन 2016-17 में 10.97 करोड़ टन के मुकाबले 2017-18 में रिकॉर्ड 11.15 करोड़ टन रह सकता है।

इंडिया रेटिंग्स ने 2017-18 के लिए तीसरे अग्रिम अनुमान की रिपोर्ट में चावल उत्पादन में प्रमुख संकेतक और रुझानों पर नजर डाली है, जिनमें निवेश स्थिति, घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय पैदावार की तुलना के साथ उत्पादन की स्थिति, उत्पादन और सूची परिदृश्य, बासमती और गैर-बासमती चावल के लिए निर्यात के रुझान और गंतव्य, घरेलू कीमतें और विस्तार तथा आंतर्राष्ट्रीय कीमतें और आयात करने वाले देशों में आयात शुल्क शामिल हैं। रिपोर्ट में खरीफ की फसल में 2016-17 के मुकाबले कोई बदलाव न होने के साथ ही रबी फसल के लिए 13% वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।
गौरतलब है कि 01 मई 2018 को केंद्रीय भंडार में कुल जमा 5 साल के सर्वाधिक स्तर, 2.53 करोड़ टन, पर पहुँच गया, जो वार्षिक आधार पर 11% औऱ मासिक आधार पर 2% अधिक है। वहीं 2018 के लिए भारतीय मौसम विभाग ने 97% (+/-5%) पर सामान्य मॉनसून की अधिकतम संभावना जतायी है।
साथ ही इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि 2018-19 में भारत की निर्यात कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक रह सकती हैं। वहीं हाल ही में रुपये में आय़ी गिरावट के बीच भारत की निर्यात कीमतें घटने से अफ्रीकी देश भारतीय चावल की खरीदारी के लिए आकर्षित हो सकते हैं। इसके अलावा अफ्रीकी देशों से ही हाल ही में हल्की पड़ी माँग तथा बासमती चावल के सऊदी अरब और गैर-बासमती चावल के बांग्लादेश को निर्यात में आयी गिरावट से भी भारतीय चावल के दाम घटे हैं। इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि विभिन्न कारणों से उत्पादन बढ़ने से बांग्लादेश भारतीय चावल का आयात 2018-19 में घटा सकता है।
इससे पहले चावल की औसत मासिक घरेलू थोक कीमतें थोड़ी बढ़त के साथ मई में मासिक आधार पर 1.5% बढ़ कर 2,940 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी, जो कि पर्याप्त स्टॉक और अधिक आपूर्ति के कारण अप्रैल में 5% घटी थीं। वहीं चावल मिलों की ओर से मााँग में वृद्धि और उत्पादन क्षेत्रों से आपूर्ति में गिरावट के कारण मई में बासमती चावल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
उधर इंडोनेशिया और फिलिपींस से मजबूत माँग के सहारे वियतनाम की निर्यात कीमतें निकट अवधि में तेज रह सकती हैं। वही फिलिपींस के साथ निर्यात करार के काऱण थाईलैंड के निर्यात दामों में भी हल्की बढ़त हो सकती है।
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