फेड के फैसले के बाद निवेश के लिए सेफ होंगे डिफेंसिव स्टॉक्स, ऐसे बनाएं निवेश स्ट्रैटजी

यूएस फेडरल रिजर्व ने गुरुवार को ब्याज दरें 0.25 फीसदी बढ़ा दी हैं।



यूएस फेडरल रिजर्व ने गुरुवार को ब्याज दरें 0.25 फीसदी बढ़ा दी हैं। वहीं, यह संकेत भी दिए हैं कि इस साल दरों में 2 बार और बढ़ोत्तरी की जा सकती है। फेडरल रिजर्व के फैसले का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुआ। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि फेड द्वारा रेट बढ़ाने जाने का अनुमान पहले से था। फिलहाल, निवेशकों को डिफेंसिव स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए, जिनका फेडरल रिजर्व के फैसले का असर नहीं होगा।


कौन से स्टॉक होते हैं डिफेंसिव


डिफेंसिव स्टॉक उन कंपनियों के शेयरों को कहा जाता है जिनमें गिरावट की संभावना काफी कम रहती है और रिटर्न मिलता रहता है। बाजार गिरने की स्थिति में भी इन कंपनियों के शेयरों में ज्यादा गिरावट नहीं आती है। इस तरह की कंपनियों में इंजीनियरिंग, डिफेंस इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर करने वाली और एफएमसीजी आदि सेक्टर्स की कंपनियां आती हैं। इन कंपनियों को डिफेंसिव इसलिए माना जाता है, क्योंकि ये जिन चीजों का निर्माण करती हैं उनकी मांग हमेशा ही बनी रहती है। इससे इन कंपनियों के शेयरों में भी मजबूती रहती है।


ऊपरी स्तर से हो रही मुनाफावसूली


फॉर्च्यून फिस्कल के डायरेक्ट जगदीश ठक्कर का कहना है कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने जाने की उम्मीद पहले से थी। मार्केट इसको पहले ही डिस्काउंट कर चुका था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से चढ़े हुए स्टॉक्स में ऊपरी स्तर से मुनाफावसूली की वजह से बाजार में दबाव बना है। वही इंडेक्स जीनियस इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के डायरेक्टर अमीत हरचेकर का कहना है कि अमेरिकी जॉब डाटा अच्छे रहने से अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है। फेडरल रिजर्व साल में दो बार और ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की है बाजार के लिए निगेटिव फैक्टर्स है।


निवेश के लिए बेहतर हैं डिफेंसिव स्टॉक्स


एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें बढ़ाए जाने से घबराने की जरूरत नहीं है। इन्वेस्टर्स को डोमेस्टिक फोकस्ड स्टॉक्स में निवेश करना सेफ रहेगा। निवेशकों को इंजीनियरिंग सेक्टर में इन्वेस्ट करना बेहतर होगा।


फेड के फैसले का शेयर बाजार पर होगा ये असर

- फेड रेट में बढ़ोतरी से सभी इमर्जिंग मार्केट में गिरावट से रुपए में कमजोरी आ सकती है।


- शॉर्ट टर्म में भारतीय शेयर बाजार से फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एफआईआई) की बिकवाली बढ़ सकती है। यूएस बॉन्ड यील्ड में बढ़त से विदेशी निवेशक अमेरिकी बाजारों में निवेश कर सकते हैं।

- शेयर बाजार से फॉरेन फंड्स के निकलने से बाजार में थोड़े समय के लिए गिरावट आ सकती है। हालांकि अन्य इमर्जिंग मार्केट की तुलना में घरेलू शेयर बाजार का फंडामेंटल मजबूत है।

- फेड रेट में बढ़ोतरी से विदेशी कर्ज महंगा हो जाएगा।


हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि लॉन्ग टर्म में फेड रेट में बढ़ोतरी का असर भारतीय बाजार पर नहीं होगा, क्योंकि भारत का ग्रोथ मजबूत है। भारतीय इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है। 


किन डिफेंसिव शेयरों में करें निवेश


सचिन सर्वदे का कहना है कि एफएमसीजी कंपनियों पर फेड रेट में बढ़ोत्तरी का असर नहीं होगा। इनका कारोबार घरेलू कंजम्पशन पर बेस्ड होता है। इसलिए ये डिफेंसिव स्टॉक्स में आते हैं। उन्होंने एफएमसीजी कंपनी GSK कंज्यूमर हेल्थकेयर और ब्रिटानिया में निवेश की सलाह दी है। वहीं इंजीनियरिंग सेक्टर में एनसीसी में निवेश की सलाह दी है। एक्सपर्ट जगदीश ठक्कर ने डिफेंस सेक्टर की कंपनी बीईएमएल में खरीददारी की सलाह दी है।

(नोट- निवेश सलाह मार्केट एक्सपर्ट्स के द्वारा दी गई हैं। कृपया अपने स्तर पर या अपने एक्सपर्ट्स के जरिए सलाह की जांच कर लें। मार्केट में निवेश के अपने जोखिम हैं, इसलिए सतर्कता जरूरी है।)


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