निचले स्तर पर खरीदारी से मिला चने को सहारा - एसएमसी

चना की कीमतों में 3,340 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ तेजी का रुझान रहने की संभावना है।



निचले स्तर पर खरीदारी के कारण दिल्ली के हाजिर बाजार में देशी चना की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार अगले एक हफ्ते में भारतीय मॉनसून के आगे बढ़ने की संभावना नही है। काबुली चना की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। एमसीएक्स में कॉटन वायदा की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 22,880-23,250 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार करने की संभावना है। भारतीय कपास संगठन के अनुसार 2017-18 सीजन में कपास का कैरी ओवर स्टॉक 16 लाख बेल रहने का अनुमान है जो 2011-12 के बाद सबसे कम है। कपास सीजन 2017-18 में 30 सितम्बर तक कपास की कुल आपूर्ति 410 लाख बेल होने का अनुमान है। घरेलू खपत 324 लाख बेल होने का अनुमान है जो पिछले अनुमान की तुलना में 50-55 लाख बेल अधिक है।

ग्वारसीड वायदा (जुलाई) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 3,630 रुपये से ऊपर एक दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाल ही में मॉनसून के आगे बढ़ने में देरी के अनुमान के कारण ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन मौसम विभाग के अनुसार फसल की बुआई को लेकर चिंता करने की जरूरत नही है, क्योंकि मॉनसून में मौजूदा देरी अस्थायी है।

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