हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों में पिछले पाँच हफ्ते से लगातार गिरावट हो रही है और शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) की स्थिति में कीमतों को 7,250 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है।
इरोद के हाजिर बाजार में भी ऐसा ही रुझान देखने को मिल रहा है, क्योंकि कारोबारियों को कोई नया ऑर्डर नही मिल रहा है। इसके विपरीत आपूर्ति हो रही है लेकिन केवल 40-50% की ही खरीदारी स्टॉकिस्टों द्वारा की जा रही है। इसके अतिरिक्त कारोबारियों को उम्मीद है कि आवक बढ़ सकती है। किसान पिछले वर्ष के शेष स्टॉक को बाजार में बेचने के लिए ला सकते है, क्योंकि मानसून के प्रारंभ के साथ ही किसानों को नयी फसल की बुआई के लिए पैसे की जरूरत होगी।
बेहतर निर्यात माँग की संभावना से जीरा वायदा (जुलाई) की कीमतों में 16,500-16,700 रुपये तक तेजी दर्ज किये जाने की संभावना है। रिकॉर्ड उत्पादन के कारण नये सीजन में कीमतों के कम करने के कारण निर्यात में बढ़ोतरी होने की संभावना है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 2017-18 में जीरे का उत्पादन लगभग 5 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि 2016-17 में यह 4.93 लाख टन रहा था। अधिक आयात के साथ ही भारी भरकम कैरी-ओवर स्टॉक के कारण धनिया वायदा (जुलाई) की कीमतों में नरमी का रुझान जारी रहने की संभावना है और कीमतों में 4,200 रुपये तक गिरावट हो सकती है। हाजिर बाजारों में खरीदार नयी खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। प्रीमियम क्वालिटी की धनिया के कुछ ही खरीदार सक्रिय है लेकिन कीमतों को तेजी प्रदान करने के लिए यह पर्याप्त नही है।
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