सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 3,470-3,570 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं।
खरीफ सीजन 2018-19 में न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा से पहले कारोबारी सावधान हैं। मॉनसून के सामान्य रहने के अनुमान के बाद
सोयाबीन प्रोसेसर एसोसिएशन का अनुमान है कि मौजूदा सीजन में देश भर में भी 120 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुआई हो सकती है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 14% अधिक होगी। लेकिन सोयाबीन के कम होते स्टॉक के कारण कीमतों में तेज गिरावट की संभावना नही है।
सूत्रों के अनुसार देश में केवल 20 लाख टन सोयाबीन ही बचा हुआ है और प्रतिमाह पेराई के लिए 5.5 लाख टन सोयाबीन की जरूरत है। इस तरह नयी फसल की आवक तक सोयाबीन की उपलब्धता कम रहने की संभावना है। इस हफ्ते खाद्य तेलों की कीमतों का रुझान पूरी तरह से आयात शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा पर निर्भर करेगा। सरकार घरेलू तिलहनों की कीमतों में बढ़ोतरी और सस्ते आयात को रोकने के लिए आयात शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती है। आयात शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा खाद्य तेलों की कीमतों को मदद मिल सकती है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों के 758-764 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (जून) की कीमतों में 640 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ तेजी का रुझान रह सकता है। सरसों वायदा (जुलाई) की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों को 4,000 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। मिलों की ओर से सरसों की माँग अभी भी बेहतर है। इस कारण सरसों का स्टॉक तेजी से कम हो रहा है।
Best services for customers with full technical support make your Financial Trading more easy click here to subscribe us for free >> Nifty Market Tips
No comments:
Post a Comment