कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान जारी रहने की संभावना है।
अमेरिकी कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ ही ओपेक एवं रूस द्वारा तेल उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना से कीमतों पर दबाव रह सकता है। लेकिन वेनेजुएला में उत्पादन में कमी के कारण कीमतों की गिरावट पर रोक लग सकती है। कच्चे तेल की कीमतों में 4,500 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 4,350 रुपये तक गिरावट हो सकती है। वेनेजुएला अपने ग्राहकों को लगभग एक महीने से कच्चे तेल का निर्यात नही कर पा रहा है और अधिक देरी होने से कच्चे तेल की आपूर्ति के करार के टूटने की संभावना बढ़ गयी है। अमेरिकी कच्चे तेल के उत्पादन में बढ़ोतरी से कीमतों पर नरमी का दबाव बना रह सकता है।
उधर अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में आश्चर्यजनक बढ़ोतरी हुई है और गैसोलीन की माँग में भी बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 2.1 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि अनुमान 1.8 मिलियन बैरल की कमी का था। इस बीच अमेरिकी सरकार ने सऊदी अरब और कुछ अन्य ओपेक देशों से तेल उत्पादन में लगभग 1 मिलियन बैरल प्रति दिन की बढ़ोतरी करने को कहा है। वहीं ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बावजूद यूरोपीयन यूनियन ने समझौते के साथ प्रतिबद्धता जतायी है और ईरान के साथ कारोबार करने वाली यूरोपीय कंपनियों के खिलाफ अमेरिका द्वारा कार्रवाई करने की कोशिशों पर ऐतराज व्यक्त किया है।
नेचुरल गैस वायदा की कीमतों में रिकवरी जारी रह सकती है। गैस की कीमतें 195 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 202 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि जून के अंत तक तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है, जिससे गैस की माँग सामान्य से अधिक हो सकती है। इस बीच गैस भंडार में कमी को पूरा करने के लिए अगले कुछ हफ्तों में बाजार को उत्पादन में वृद्धि का अनुमान है।
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